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समाज का बदलता परिवेश और हमारा परिवार

समाज का बदलता परिवेश और हमारा परिवार -Changing-environment-of-society-and-our-family- समय के बदलते परिवेश में बहुत कुछ बदल रहा है इस ब...

समाज का बदलता परिवेश


समाज का बदलता परिवेश और हमारा परिवार -Changing-environment-of-society-and-our-family-

समय के बदलते परिवेश में बहुत कुछ बदल रहा है इस बदलाव का हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ रहा है, यही सोच रहा था तभी एक मित्र का फोन आता है कि चलो दूसरे मित्र से मिल आये , दोनों लोग उनके घर पहुचे तो वे घर के एक कोने में बैठे थे , चारो तरफ संन्नता फैली थी , देख के मन घबरा गया तभी अंदर से टीवी पर धारावाहिक की आवाज आई जो आंटी देख रही थी.....अंदर आया मित्र के पास बैठा तो एक नजर में या यूँ कहे एक बार में पूछा गया-पंडित जी सब ठीक है घर के क्या हाल है आज कैसे आना हुआ |

मेरे साथ वाले मित्र ने उत्तर दिया -हाल चाल सब बढ़िया है राघव कृपा है घर में, इधर से निकल रहा था पंडित जी के साथ सोचा आपके दर्शन पा लूँ..हम्म ऐसा कहकर उन्होंने आवाज दी घर में भाई सबके लिए चाय बना देना.....अभी 5. मिनट हुए थे कि मेरी सरसरी नजर ने पुरे घर का निरीक्षण कर लिया...एक बच्चा गेम में... दूसरा... कार्टून में... बहु मायके से.... बेटी सेल्फी में माँ धारावहिक में....नजर घूमी तो मित्र वर तीन पट्टी. में...मेरे. साथ वाले मित्र ने मौके का लाभ लिया और वे भी नोटिफिकेशन चेक करने लगे...सभी व्यस्त थे हमी एक दर्शन के फालतू थे इस कमी को. भाप गया मित्र से कहा चलो-- मंदिर जाना है |

पूरी घटना ने आने वाले भविष्य से डरा दिया... मेरे अनुसार नीचे की पोस्ट सही समझने वाली है

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घरों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने और मानसिक तनाव बढ़ने के 15 मुख्य कारण

1. घर के सभी सदस्यों के पास महंगे स्मार्ट फोन।
2. देखा-देखी बाहर घूमने जाने का ट्रेंड।
3. बाईक से काम चले वहां भी स्टेटस के लिये कार चाहिए ।
4. घर के भोजन के बजाय विकेन्ड पर बाहर खाने का चस्का।
5. ब्युटी पार्लर, सैलून,ब्रान्डेड कपड़ों व जूतों की चाहत।
6. जन्मदिन और मैरेज एनिवर्सरी में पैसों का गलत व्यय।
7. दिखावे के लिये हैसियत से अधिक गैर-जरूरी खर्च।
8. प्राईवेट स्कूल में पढ़ाने की फैशन और स्कूल व ट्यूशन फीस में वृद्धि।
9. गलत लाईफ स्टाईल के कारण मैडिकल खर्च में बढ़ौतरी।
10. लोन की ऊंची ब्याज दर और क्रेडिट कार्ड के कारण अधिक चीजें खरीदने की गलत आदत।
11.ड्रिंक करना ,नानवेज खाना
12.खुद काम न करके नौकरों से काम करवाना
13.सट्टेबाजी व शेयर मार्केट में पैसा लगाकर रातोरात अमीर बनने के ख्वाब देखना
14.एक से ज्यादा क्लबों में सदस्य बनकर फिजूलखर्ची करना
15.जहां ट्रेन, बस से जा सकते है वहां प्लेन से जाना
इन खर्चों के कारण न तो हमारी कमाई में वृद्धि हो रही और न ही बचत हो रही है । परिणाम स्वरुप अधिकांश घरों में अशांति है मानसिक तनाव है । गैर-जरूरी खर्चों को कम करो।
*इंसान की मूल जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान थी, है और रहेगी।
इंसान के आज कम उम्र से ही बीमार होने , दुखी रहने और असफल होने का कारण है हम जीवन जीने का तरीका भूल गए है ।
घर का शुध्द भोजन खाइये और दिखावे को त्यागकर आनंद से जीना सीखे ।
दुनिया को देखने का नजरिया बदलिए ।
दुनिया मे आप जैसे लाखो करोड़ो है
कौन किसकी परवाह करता है इसलिए दुसरो की राह पर न चले अपनी राह खुद बनाये ।
अमीरी और गरीबी भाग्य द्वारा तय है किंतु कर्म विचार और जीवन जीने का तरीका आपके पास सुरक्षित है ।
सबका मंगल,सबका भला...

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