सम्पूर्ण भारत में या कहें विश्व में कोई कोई विरले होगा , जो गणपति को न जानता हो ? आज बात करते है गणेश जी की छवि के दर्श...
सम्पूर्ण भारत में या कहें विश्व में कोई कोई विरले होगा , जो गणपति को न जानता हो ?
आज बात करते है गणेश जी की छवि के दर्शन का अर्थ !
क्या आप कभी गणेश जी या अन्य देवताओ की फोटो या प्रतिमा को देख कर समझ पाए हो उसमे छुपा संदेश क्या है क्या है असली दर्शन
गणेश जी का स्वरूप देखने में बड़ा मोटा पेट, बड़े बड़े सूप जैसे कान, लम्भी विशाल नाक , वाहन एक छोटा सा चूहा..
मित्रो इनके हाथ में देखो एक में अंकुश दूसरे में पाँस, तीसरे में आशीर्वद मुद्रा, चौथे में लड्डू अर्थात गणपति स्वरूप|
अब बात आती है ये एक ही गणपति हैं या हर पूजा के अलग अलग , मेरे अनुसार आपके हर घर. में एक गणपति है जो घर के विध्न नाश करता है उसकी कृपा से हमें रिद्धि सिद्धि मिलती है अब आप समझ गए तो कम्मेंट में अवश्य लिखे|
वो गणपति है आपके पिता आपके घर के मुखिया |
जिनकी कृपा के बिना कोई काम नहीं बन सकता है , आज हम सब अपने गणपति का लड्डू चाहते है परन्तु अंकुश पाँस नहीं चाहिए !
मुखिया कैसा होता है चलो पिता को मान लेते है ,
सभी पिताओ का कान बड़ा होता है, सबकी सुनते है |
उनकी लम्बी नाक घर में अच्छी बुरी सभी बातों को जान लेती है |उनके बड़े पेट में सबकी अच्छी बुरी बातें पच जाती है वे अपने पेट को भरके लाते है बाहर से अपने बच्चो के लिए |
अब जिनको लड्डू लेना है वे पहले पिता के दंड को माने अनुशासन रूपी पास में बंधे तभी तो आशीर्वाद मिलेगा फिर प्रसन्नता उन्नति का फल रूपी लड्डू |
सुख समृद्धि रूप में रिद्धि सिद्धि माँ बनकर दुलार करेगी |
अब आप समझे सबसे पहले पूजा जाता गणपति को , बप्पा कहते है मतलब पिता ही है आपके घर के गणपति |
आपको लेख कैसा लगा अवश्य लिखे .,आपके कम्मेंट हमें आगे प्रेणना देते है |
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