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इन पत्तों के बिना अधूरा रहता है पूजा-पाठ-Worship remains incomplete without these leaves

  इन पत्तों के बिना अधूरा रहता है पूजा-पाठ- Worship remains incomplete without these leaves पेड़-पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं,  इनके बि...

 
puja pattiya

इन पत्तों के बिना अधूरा रहता है पूजा-पाठ-Worship remains incomplete without these leaves

पेड़-पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं,  इनके बिना हमारा जीवन अधूरा है। पेड़- पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है और वातावरण हरा-भरा रहता है। इसके अलावा कुछ पेड़ धार्मिक नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। प्राचीन काल से इनकी हिफाजत करना हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। खासतौर पर हिंदू धर्म मेंं शुभ कार्यों में वृक्षों को काफी सम्मान दिया जाता है। तमाम मांगलिक कार्यक्रमों और पूजा-पाठ में कुछ प्रमुख पेड़ों के पत्तों का अपना ही अलग महत्व है, जिनके बिना कोई भी मागंलिक कार्यक्रम पूरा नहीं हो सकता है। आज हम आपको ज्योतिष के अनुसार हिंदू धर्म में शुभ माने-जाने वाले 9 वृक्ष पत्तों (9 plants leaves) के बारे में विस्तार से बताते हैं।

तुलसी का पत्ता-leaves of Tulsi

हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। साथ ही सभी मांगलिक कार्यों में तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है। भगवान की पूजा और भोग अर्पति करने में तुलसी के पत्ते का होना आवश्यक है। कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते को आप 11 दिन तक शुभ मान सकते हैं इसलिए एक ही पत्ते को 11 दिनों तक गंगाजल में धोकर आप भगवान को अर्पित कर सकते हैं। लेकिन तुलसी के पत्ते को रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति और संध्या के वक्त नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ, गणपति और भैरव महाराज पर तुलसी को अर्पित करने से बचना चाहिए। वहीं दूसरी ओर भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का होना अति अनिवार्य है क्योंकि भगवान विष्णु का प्रिय पत्ता तुलसी है। ज्योतिष के अनुसार, भगवान के भोग में तुलसी का होना आवश्यक है वरना भगवान भोग को स्वीकार नहीं करते हैं। याद रखें कि तुलसी को कभी भी भगवान के चरणों में अर्पित नहीं करन चाहिए इससे भगवान नाराज हो जाते हैं।

 बिल्वपत्र-bilvapatr

कहा जाता है कि भगवान शिव की आराधना बिना बिल्वपत्र के अधूरी है। शिवलिंग पर अभिषेक के दौरान बेलपत्री को चढ़ाना आवश्यक है क्योंकि इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बिल्वपत्र को चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और किसी माह की संक्रांति में नहीं तोड़ना चाहिए। ज्योतिष की माने तो अगर नया बेलपत्र आपको नहीं मिल पाता है तो आप किसी दूसरी के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं बिल्वपत्र को शिवलिंग पर सदैव उल्टा अर्पित करना चाहिए। बेलपत्र में जितने अधिक पत्ते होंगे उतना ही उसे उत्तम माना जाता है। ध्यान रखें कि बेल पत्री में चक्र और वज्र नहीं होना चाहिए। बिल्वपत्र को तोड़ते वक्त केवल इसकी पत्तियां तोड़नी चाहिए ना कि टहनी और  


"अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदा।

गृह्णामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात् ॥"




जैसे मंत्र का मंत्रोच्चार करना चाहिए। 

 पान का पत्ता-Betel leaf

पान के पत्ते को हिंदू धर्म में पूजा-पाठ से लेकर किसी भी शुभ कार्य में अवश्य शामिल किया जाता है। पौराणिक कथानुसार समुद्र मंथन के वक्त पहली बार देवताओं ने पान के पत्ते का उपयोग किया था। पान या तांबूल को हवन पूजा की एक अहम सामग्री माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पान के पत्ते में विभिन्न देवी-देवताओं का वास होता है। पान के पत्ते के ठीक ऊपरी हिस्से में इंद्र एवं शुक्र देव विराजित हैं। बीच के हिस्से में मां सरस्वती विराजमान हैं और पत्ते के बिल्कुल निचले हिस्से में मां महालक्ष्मी जी बैठी हैं। भगवान शिव पान के पत्ते के भीतर वास करते हैं। हिंदू मान्यता के मुताबिक, पूजा की थाली में फटा हुआ, सूखा हुआ पान का पत्ता इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं दक्षिण भारत में किसी भी शुभ कार्यक्रम में भगवान से प्रार्थना करते समय पत्ते के भीतर पान का बीज और 1 रुपये रखने का प्रावधान है। ज्योतिष की मानें तो रविवार को यदि आप किसी खास काम को करने के लिए बाहर जा रहे हैं तो आप अपने पास पान का पत्ता अवश्य रखें, कहा जाता है कि काम अवश्य पूरा होता है। 



 केले का पत्ता-banana leaf

हिंदू धर्म में केले के पत्ते को पूज्य और पवित्र माना गया है। किसी भी पूजा-पाठ के दौरान केले के फल, तने और पत्ते का उपयोग किया जाता है। मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास है इसलिए सत्यनाराय़ण की कथा में केले के पत्तों का मंडप बनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है। गुरुवार को भगवान बृहस्पतिदेव की पूजा में केले का विशेष महत्व है। ज्योतिष के अनुसार, यदि आप 7 गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करते हैं तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और अविवाहित कन्याओं को सुंदर वर की प्राप्ति हो सकती है। केले के पत्ते में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को भोग भी लगाया जाता है। 

   

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 आम का पत्ता-mango leaf

हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक कर्मकांड या मांगलिक कार्यक्रम में आम के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा शादी-ब्याह के दौरान तोरण में भी आम के पत्ते को शामिल किया जाता है। वैदिक काल से हवन में आम की लड़कियों का ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं, इससे वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। मान्यता है कि बजरंगबली को आम बहुत प्रिय है। इसलिए हनुमान जी की पूजा के दौरान आम का पत्ता होना अनिवार्य है। 



 सोम की पत्ती-soma leaf

पौराणिक काल से सभी देवी-देवताओं को सोम की पत्तियां अर्पित की जाती थी। वर्तमान में इन पत्तियों का मिलना काफी दुर्लभ है। प्राचीन काल में सोम की पत्तियों से निकले रस को 'सोमरस' कहा जाता था। यह नशीला नहीं होता था। खासबात यह है कि सोम लताएं पर्वत की श्रृंखलाओं में पाई जाती है। 

शमी का पत्ता-Shami leaves

मान्यता है कि घर में देवी-देवताओं की कृपा बनाए रखने के लिए शमी का पेड़ लगाना चाहिए, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि को शमी का पत्ता अर्पित करना चाहिए, इससे शनि के दोष कम हो जाते हैं और बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। शमी का पौधा घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने में लगाना चाहिए और नियमित इसकी पूजा करनी चाहिए। भगवान शनि के अलावा भगवान गणेश को भी शमी का पत्ता काफी प्रिय है क्योंकि शमी में भगवान शिव का वास होता है, यही कारण है कि इस पत्ते को गणेश जी पर चढ़ाते हैं। ऐसा करने से घर-परिवार, नौकरी और कारोबार की परेशानियां दूर हो सकती हैं। वहीं हर सोमवार को शमी का पत्ता शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं। 

 पीपल का पत्ता-peepal leaf

हिंदू धर्म में पीपल वृक्ष को देवों का देव कहा गया है। मान्यता है कि इस पेड़ में सभी देवी-देवता का वास होता है। भगवान शिव को पीपल का पत्ता भी अधिक प्रिय है। कहा जाता है कि भगवान शिव पर पीपल के पत्ते को अर्पित करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है। पीपल में रोजाना जल अर्पित करने से कुंडली के अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो सकता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे दोष से भी छुटकारा मिल सकता है। सभी कष्टों से छुटकारा पाने के लिए पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़कर उन पर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर उसे हनुमान जी को अर्पित करें।

 बड़ का पत्ता-elder leaf

ज्योतिष के अनुसार, यदि आप सुख-समृद्धि और कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं तो होली के दिन बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़े और इसे साफ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी के सामने रखें इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें।   

dev sharma post 

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